तब्लीगी जमात में राज्य के 157 लोग शामिल हुए थे, अलर्ट जारी; 19 जिलों से रिपोर्ट मांगी गई

लखनऊ. दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात के मरकज यानी इस्लामिक धार्मिक केंद्र के आयोजन में उत्तर प्रदेश के 157 लोग शामिल होने की खबर है। जमात में शामिल तेलंगाना के 6 लोगों की मौत के बाद राज्य में अलर्ट जारी किया गया है। यहां 19 जिलों के पुलिस अधीक्षकों से कहा गया है किजमात में शामिल लोगों की पहचान कर उनकी मेडिकल जांच कराई जाए। उधर, लॉकडाउन का राज्य में आज सातवां दिन है। ज्यादातर लोग घरों में कैद होकर नियमोंका पालन कर रहे हैं। मंगलवार सुबह तक राज्य में अब तक 101 केस सामने आ चुके हैं। वहीं, 17 स्वस्थ हो चुके हैं।

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी)हितेश चंद्र अवस्थी की ओर से जारी पत्र के अनुसार, लखनऊ, गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, हापुड़, बिजनौर, बागपत, वाराणसी, भदोही, मथुरा, आगरा, सीतापुर, बाराबंकी, प्रयागराज, बहराइच, गोंडा और बलरामपुर के लोगतब्लीगी जमात में शामिल होने गए थे। इसमें शामिल लोगों की लिस्ट इन जिले के पुलिस अधीक्षकों को भेजी गई है। डीजीपी ने सभी एसपी ने मंगलवार दोपहर 3 बजे तक रिपोर्ट तलब की है।


लखनऊ: गैर राज्यों से आए लोगों को क्वारैंटाइन किया गया
जिला प्रशासन ने बाहर से आए लोगों को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, हज हाउस औरअवध शिल्प ग्राम में क्वारैंटाइन किया है। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन ने तीनों जगहों पर 24 घंटे स्वास्थ्य विभाग की टीम तैनात की है। राजधानी में कोरोना से संक्रमित पहली महिला ठीक हो चुकी है।लेकिन, सोमवार को उसकी 73 वर्षीय सास में संक्रमण की पुष्टि हुई।

मुख्यमंत्री योगी ने सोमवार को नोएडा की स्थिति का जायजा लिया।

योगी आज तीनसीएम तीन जिलों कानिरीक्षण करेंगे
नोएडा में व्यवस्थाओं से नाराज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य विभाग कोगौतमबुद्धनगर के अलावा मेरठ,गाजियाबाद के लिए अलग कमेटी बनाकर काम करने का निर्देश दिए हैं। इन जिलों के डीएम से क्वारैंटाइन में रह रहे लोगों की सूची मांगी गई है। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया किमंगलवार को सीएम गाजियाबाद, मेरठ औरआगरा का निरीक्षण करेंगे।

कानपुर में फतेहपुर बॉर्डर पर फंसे वाहन।

कानपुर: सीमा सील हुई तो फंसे हजारों वाहन
दूसरे राज्यों से पलायन कर आने वालों को रोकने के लिएशहर की सीमाओं को सील कर दिया है। जिसकी वजह से हजारों वाहन हाइवे पर फंसे हैं। इसमें कुछ जरूरी खाद्य सामग्री लेकर जा रहे वाहन फंस गए हैं। कानपुर-प्रयागराज हाइवे पर जनपद फतेहपुर सीमा पर यात्रियों ने जमकर हंमागा भी किया। सूचना पर पहुंचे डीएम और एसएसपी ने हंगामा कर रहे लोगों को शांत कराया। फतेहपुर डीएम और एसपी से बात कर यात्रियों की बसों को रवाना कराया और जरूरी खाद्य सामाग्री वाले वाहनों को पास कराया।

झांसी में ट्रकों से रवाना हुए लोग।

झांसी:सीमाएं सील, लॉकडाउन बेअसर

लॉकडाउन के बीच पलायन बढ़ने के कारण प्रदेश की सीमाओं को सील कर दिया गया है। इसके बावजूद झांसी में तमाम लोग रोड पर चलते देखे जारहे हैं। सोमवार को दिनभर में करीब एक लाख लोग शहर से गुजरे।


आगरा: एक मरीज ठीक हुई, पत्नी का एप्रिन पहनकर घूमने वाला गिरफ्तार

लॉकडाउन को कुछ लोगों ने मजाक बना लिया है। आगरा में भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां पुलिस नेएप्रिन पहनकरघूमने वालेएक व्यक्ति को पकड़ा।दरअसल, उसकी पत्नी नर्स है।उसने पुलिस को खुद को डॉक्टर बताया।पुलिस ने पति-पत्नी दोनों पर केस दर्ज कर लिया। वहीं, कोरोना संक्रमित रेलवे अधिकारी की बेटी इलाज के बाद घर लौट आई। आगरा में अब तक कोरोना के 11 केस मिल चुके हैं। इनमें से 8 मरीज ठीक हो चुके हैं।

पत्नी का एप्रिन पहनकर घूमने वाले व्यक्ति (बाएं) को पुलिस ने पकड़ा।

गोरखपुर: थर्मल स्कैनिंग के बाद लोग हुए रवाना
गैर राज्यों से पलायन कर रोज कमाने खाने वाले लोग पैदल हीसफर तय कर रहे हैं। सोमवार रात मजदूरों का एक जत्था गोरखपुर पहुंचा। नौसड़ चौराहे पर एसडीएम सदर गौरव सिंह सोगरवाल औरसीओ कैंपियरगंज दिनेश कुमार सिंह ने सभी की थर्मल स्कैनिंग कराई और बस की व्यवस्था कर उन्हें रवाना किया। एसडीएम ने कहा- जो लोग बाहर से आ रहे हैं, उन्हें 14 दिनों के लिए क्वारैंटाइन किया जा रहा है।

गोरखपुर में बाहर से आए लोगों को प्रशासन ने गंतव्य तक भिजवाने की व्यवस्था की।

मेरठ:लगातार बढ़ रही रोगियों की संख्या
जिले में सोमवार को 6और लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई। अब तक यहां 19 लोग संक्रमित पाए जा चुके हैं। सीएमओ डाॅ. राजकुमार ने बताया कि इनमें से 4 मरीज महाराष्ट्र के अमरावती से लौटे खुर्जा निवासी कोरोना पॉजिटिव के रिश्तेदार हैं। जबकि2मरीज शहर के सिविल लाइंस क्षेत्र के हैं,ये दोनों मरीज विदेश से आए थे। स्वास्थ्य विभाग इनकी निगरानी कर रहा था। जो पॉजिटिव आए हैं उन्हेंमेडिकल अस्पताल और सुभारती अस्पताल में कोरोना आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया।



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सीमा सील होने के बाद भी मध्य प्रदेश से मजदूर पैदल ही यूपी पहुंच रहे हैं।


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तब्लीगी जमात में राज्य के 157 लोग शामिल हुए थे, अलर्ट जारी; 19 जिलों से रिपोर्ट मांगी गई तब्लीगी जमात में राज्य के 157 लोग शामिल हुए थे, अलर्ट जारी; 19 जिलों से रिपोर्ट मांगी गई Reviewed by Punjab Recruitment Portal on 13:16 Rating: 5

कोरोना से महिला की मौत: एक ही दिन में 17 नए मरीज, 540% की रफ्तार से मामले बढ़ रहे

इंदौर. कोरोनावायरस इंदौर में घातक होता जा रहा है। मंगलवार को भोपाल सेआई रिपोर्ट में 17 नए केस सामने आएहैं।एमजीएम मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब में कोरोना की जांच के लिए बड़ी संख्या में सैंपल पहुंचने के बाद जांच के लिए रविवार को 40 सैंपल भोपाल एम्स भेजे गए, जबकियहां भी 70 सैंपल की जांच की गई। सीएमएचओ के अनुसार, इंदौर से भेजे गए सैंपल में17 नएकेस सामने आए। इनमें इंदौर, उज्जैन समेत मालवा-निमाड़ के अन्य जिलों के मरीज शामिल हो सकते हैं। यदि ऐसा होता है तो इंदाैर में कोरोना पॉजिटिव का आंकड़ा49 (+5 उज्जैन) पहुंच जाएगा। वहीं, प्रदेश में संक्रमितों की संख्या 64 हो गई है। वहीं,सोमवार देर रात 49 साल की एक महिला की मौत के साथ ही प्रदेश में कोरोना से मौत का आंकड़ा 5 हो गया। सोमवार कोइस संक्रमण ने दोलोगों की जान ले ली। चंदन नगर निवासी 49 वर्षीय महिला ने देर रात दम तोड़ दिया। इससे पहले दिन मेंएमआर-9 की राजकुमार कॉलोनी के 41 साल केव्यक्ति की मौत हुई थी।

दोनों ही एमआर टीबी अस्पताल में भर्ती थे। शहर में अब तक तीनऔर उज्जैन में संक्रमण से मरने वालों की संख्या दाे हाे गई है। इसी बीच, देर रात अभिनेता सलमान खान के 38 वर्षीय भतीजे अब्दुल्ला खान उर्फ अबा की मुंबई में मौत हो गई। अबा इंदौर के खान कंपाउंड में रहते थे। कोरोना की आशंका में उनका सैंपल जांच के लिए भेजा था, अभी रिपोर्ट नहीं आई है।

सोमवार को 8 पॉजिटिव आए थे

सोमवार को इंदौर और उज्जैन में कोरोना के 8 नए मामले सामने आए थे। इनमें उज्जैन के एक 37 साल के युवक की 3 दिन पहले ही मौत हो गई थी। मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचएमओ) डॉ. प्रवीण जड़िया ने बताया कि इंदौर में एक महिला, एक वृद्ध और एक युवक की मौत हो गई, जबकि उज्जैन में मृतकाें में एक वृद्धा और एक युवक शामिल है।इंदौर में अभी27, उज्जैन 5,जबलपुर में 8, भोपाल में3, ग्वालियर औरशिवपुरी में 2-2 संक्रमित हैं।
8 पॉजिटिव में 5 मरीजों की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं
एमजीएम मेडिकल कॉलेज से सोमवार कोजारी बुलेटिन में बताया गया किपॉजिटिव पाए गए 8 मरीजों में से 3 की कॉन्टैक्ट हिस्ट्री है, जबकि 5 मरीजों की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। इंदौर में जो 7 नए मरीज सामने आए हैं, उनमें 1 अहिल्या पलटन, 1 आजाद नगर, 1 रवि नगर, एक नॉर्थ हाथीपाला और तीन एमआर-9 स्थित साईंराम कॉलोनी के रहने वाले है। वहीं, उज्जैन के माधवनगर क्षेत्र में रहने वाले एक मरीज में कोरोना की पुष्टि हुई। इस युवक की 3 दिन पहले मौत हो गई। बताया गया है कि युवक बीमार हाेने से 5 दिन पहले नीमच गया था। यहां राजस्थान के लोगों के साथ पार्टी में संपर्क में आया। वहां से लौटते ही सर्दी, खांसी, बुखार हो गया। उज्जैन में अब तक 2 लोगों की मौत हो चुकी।

काेराेना बुलेटिन

कुल पॉजिटिव 32
नए केस 08
कुल मौत 05
कुल सैंपल 437
सोमवार के सैंपल 46
निगेटिव 33
इंदौर के 42
बाहर के 24

(आंकड़े एमजीएम मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब द्वारा जारी सूची के मुताबिक)

इंदौर सबसे संक्रमित शहरों की सूची में 8वें नंबर पर
कोरोना संक्रमण से देश में 27 राज्य प्रभावित हैं। इसमें मध्य प्रदेश दसवें नंबर पर है। शहरों की बात करें तो 24 मार्च तक कोरोना मुक्त रहा इंदौर बीते पांच दिनों में देश के सबसे संक्रमित शहरों की सूची में आठवें नंबर पर आ गया है। केरल में देश का पहला मरीज 30 जनवरी को सामने आया था। महाराष्ट्र और दूसरी जगहों पर मार्च के पहले और दूसरे हफ्ते में मरीजों का आना शुरू हुआ। इंदौर में मरीज बढ़ने की रफ्तार जो रविवार तक 380% थी, वह अब 540% हो गई है।



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टीम ने खजराना क्षेत्र से संदिग्धों को क्वारैंटाइन हाउस भेजा।


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कोरोना से महिला की मौत: एक ही दिन में 17 नए मरीज, 540% की रफ्तार से मामले बढ़ रहे कोरोना से महिला की मौत: एक ही दिन में 17 नए मरीज, 540% की रफ्तार से मामले बढ़ रहे Reviewed by Punjab Recruitment Portal on 12:46 Rating: 5

अब तक 83 पॉजिटिव: झुंझुनू में घूम रहे युवकों को क्वारैंटाइन सेंटर में सफाई की सजा, भीलवाड़ा में 3-13 अप्रैल तक महाकर्फ्यू

जयपुर. राजस्थान में तमाम कोशिशों के बाद भी संक्रमण के केस बढ़ते जा रहे हैं। यहां पिछले 12 घंटे में 13 नए पॉजिटिव सामने आए। इसमें चार केस मंगलवार को सामने आए। इनमें दुबई से झुंझुनू लौटाएक 44 साल का व्यक्ति, अजमेर में पंजाब से लौटे युवक की 17 साल की बहन, डूंगरपुर में संक्रमित मिले युवक के 65 साल के पिता और जयपुर में 60 साल के बुजुर्गहैं। प्रदेश में अब कुल संक्रमितों की संख्या 83 पहुंच गई है। वहीं, संक्रमण के चलते दो लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

बाहर घूम रहे थे, 3 दिन क्वारैंटाइन वार्डमें सफाई करेंगे
झुंझुनू के नवलगढ़ में लॉकडाउन में दो युवकों को बेवजह बाहर निकलना भारी पड़ गया। यह दोनों अब तीन दिन तक शहर के क्वारैंटाइन वार्ड में दो घंटे सफाई करेंगे। इन दोनों युवकों को पुलिस ने बेवजह घर के बाहर घूमते पकड़ा था और मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया था। इसके बाद दोनों को 3 दिन तक क्वारैंटाइन वार्ड में सफाई करने के आदेश मिला।

सख्त निर्देंश हैं, कोई भी घर के बाहर न निकले: राज्य सरकार
राज्यसरकार नेकहा कि केंद्र सरकार ने सख्त निर्देश दिए हैं कि कोई भी घर के बाहर न निकलें। जो मजदूर अपने-अपने घर जा रहे हैं या अन्य जिलों में जा रहे हैं, उनको रोका जाए। जो लोग सड़क पर निकलेंगे,उन्हें अलग-अलग कैंप में रखा जाएगा। जहां वे 14 दिन रहेंगे। इसमें से कुछ लोग वापस जाने के लिए कह रहे हैं, जो अब संभव नहीं है। अब हम लोगों का मूवमेंट नहीं कर सकते। अब अगर आप अपने घर से निकलकर कहीं जाने की कोशिश करेंगे तो कहीं के नहीं रहेंगे। अगर अपना स्थान छोड़ा तो 14 दिन कैंप में रहना पड़ेगा।

भरतपुर: राशन लेने के चक्कर में लोग भूले सोशल डिस्टेंसिंग

भरतपुर के नदिया मोहल्ले में आज सुबह राशन लेने के लिए करी 500 लोग एक जगह एकत्रित हो गए।राशन लेते वक्त सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया।

भरतपुर की तंग गलियों में लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे।

हर गांव को सैनिटाइजर, मास्क खरीदने को 50 हजार: पायलट

उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण से लड़ने हेतु पंचायती राज संस्थाओं को राशि आवंटित की है। कोरोनासंक्रमण को गांवों में प्रभावी तरीके से रोकने हेतु सुरक्षा किट और दवा छिड़काव पर लगभग 60 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।ग्राम पंचायत को अधिकतम 50 हजार रु.विकास अधिकारी, पंचायत समिति को अधिकतम 1 लाख रुपए तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद को अधिकतम 1.5 लाख रुपएकी स्वीकृति जारी करने की अनुमति दी है।

अजमेर: बेवजह बाहर घूम रहे युवकों पर पुलिस ने चलाए डंडे।

जयपुर:84 निजी अस्पतालों को कब्जे में लेगी सरकार
जयपुर में कोरोना संकट से निपटने की लिए युद्ध स्तर पर तैयारियां चल रही है। जयपुर में कलेक्टर डॉ. जोगाराम ने जिले के 84बड़े निजी अस्पतालों को कब्जे में लेने का आदेश जारी किया है। इन अस्पतालों में कम से कम 50 बेड से लेकर1100 बेड हैं। इन 84 अस्पतालों में कम से कम 9077 बेड कोरोना संक्रमितों के उपचार के लिए उपलब्ध हो सकेंगे। वहीं, भीलवाड़ा में अब तक 26 संक्रमित मिलनेबाद3 से 13 अप्रैल तकमहा कर्फ्यूलगाया जाएगा। इसमें मीडिया के भीबाहर निकलने पर रोक लगेगी। भीलवाड़ा केकलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने बताया इस अवधि मेंकर्फ्यू पास भी नहीं माने जाएंगे।
सैनिटाइजर की पांच लाख बोतलें बन रहीं

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को ट्वीट कर बताया कि राज्य सरकार गंगानगर की 5 चीनी मिलों और निजी डिस्टलरी की मदद से हर दिन 5 लाख सैनिटाइजर की बोतलों की सप्लाई की जा रही है। इससे जमाखोरी नहीं होगी और कीमतें भी नहीं बढ़ेंगी।

राजस्थान के 11जिलों में कोरोना, सबसे ज्यादा 26 संक्रमित भीलवाड़ा में

राजस्थान में कुल 33 जिले हैं। इनमें से अब तक 11 जिलों में कोरोना के केस मिल चुके हैं। सबसे ज्यादा केस भीलवाड़ा में मिले हैं। यहां अब तक 26 पॉजिटिव मिल चुके हैं। इसके अलावा जयपुर में 21, झुंझुनूं में 8, जोधपुर में 14 (इसमें 7 ईरान से आए), प्रतापगढ़ में 2, डूंगरपुर में 3, अजमेर में 5, अलवर, पाली, सीकर और चूरू में एक-एक संक्रमित मिला है।

अजमेर में पॉजिटिव युवक किससे मिला, इसके लिए दुकानों में लगे हुए सीसीटीवी खंगाले जा रहे हैं।


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जयपुर जिले के शाहपुरा में फसल काटते वक्त भी किसान सोशल डिस्टेंसिंग अपना रहे हैं।
राशन लेने के लिए भरतपुर में लगी लोगों भीड़।


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अब तक 83 पॉजिटिव: झुंझुनू में घूम रहे युवकों को क्वारैंटाइन सेंटर में सफाई की सजा, भीलवाड़ा में 3-13 अप्रैल तक महाकर्फ्यू अब तक 83 पॉजिटिव: झुंझुनू में घूम रहे युवकों को क्वारैंटाइन सेंटर में सफाई की सजा, भीलवाड़ा में 3-13 अप्रैल तक महाकर्फ्यू Reviewed by Punjab Recruitment Portal on 12:46 Rating: 5

70 हजार मजदूरों को शेल्टर होम में ठहराया गया, पुणे में ड्रोन से हो निगरानी रही

मुंबई. महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के हालत बिगड़ते जा रहे हैं। महाराष्ट्र में पिछले आठ दिनों से कर्फ्यू लगा हुआ है। बावजूद इसके हालात नियंत्रित नहीं हो पा रहे हैं। मंगलवार सुबह संक्रमण के पांच नए केस सामने आए। इसमें एक मुंबई में, दो पुणे और दो बुलढाना के केस हैं। इसे मिलाकर राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 225 तक पहुंच गई है। वहीं, राज्य में संक्रमण से 10 लोगों की जान जा चुकी है।

संक्रमण को रोकने के लिए देश में 21 दिन का लॉकडाउन है। इस बीच, मजदूरों का पलायन रोकने के लिए राज्य सरकार ने 262 राहत शिविर शुरू किए हैं। इनमें करीब 70 हजार प्रवासी दिहाड़ी मजदूरों को रखा गया है। राज्य सरकार का कहना है कि मजदूरों के स्वास्थ्य की लगातार जांच की जा रही है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी भी मजदूरों से कहा है कि राज्य की सीमाएं सील हैं, इसलिए कहीं न जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि किसी को दिक्कत नहीं होगी। सरकार पूरा इंतजाम कर रही है।

कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने उत्तर मुंबई लोकसभा क्षेत्र में लोगों को राशन बांटा।

पुणे में एक संक्रमित की मौत के बाद ड्रोन से निगरानी
सोमवार को पुणे में 52 वर्षीय एक मरीज को कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो गई थी। उसे डायबीटीज और हाइपरटेंशन की भी शिकायत थी। इसके बाद पुणे प्रशासन ने सख्ती बढ़ा दी है। लोगों को सख्ती से लॉकडाउन का पालन करने की बात कही है। साथ ही, कई इलाकों में ड्रोन से निगरानी की जा रहीहै। पुणे में अब तक संक्रमण के 45 केस सामने आ चुके हैं।

पुणे के कई इलाकों में ड्रोन से निगरानी हो रही है।

चार संक्रमित मिलने के बाद मुंबई का वर्ली कोलीवाडा इलाका सील
महाराष्ट्र में मुंबई कोरोना का एपीसेंटर बना हुआ है। सिर्फ मुंबई में अब तक संक्रमित आठ लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमितों की संख्या भी 93 तक पहुंच गई है। दक्षिण मुंबई के वर्ली कोलीवाडा इलाके में कोरोना संक्रमित चार मरीज मिले हैं। इसके बाद पुलिस ने इलाके को सील कर दिया है। पूरे इलाके को सैनिटाइज किया जा रहा है। मुख्यमंत्री उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे इस इलाके से विधायक हैं।

कोलीवाडा इलाके को सैनिटाइज किया गया।

फालतू खर्च से बचें लोग: शरद पवार
राकांपा प्रमुख नेता शरद पवार ने सोमवार को सोशल मीडिया के माध्यम से जनता से कहा है कि यह मुश्किल दौर है। आने वाला समय और अधिक मुश्किल हो सकता है। इसलिए पैसे की अहमियत समझिए, फालतू खर्च से बचिए।

पुणे में मनसे कार्यकर्ताओं ने लोगों को खाना बांटा।

संक्रमण से मरे लोगों के दाह संस्कार का आदेशवापस लिया गया
बीएमसी ने सोमवार को कोरोना संक्रमण से मरे लोगों के अंतिम संस्कार को लेकर एक आदेश जारी किया था, जिसे वापस ले लिया। इसमें बीएमसी कमिश्नर प्रवीण परदेशी ने कहा था कि धर्म की मान्यताओं से अलग संक्रमण से मरने वालों का दाह संस्कार ही किया जाएगा। आदेश में यह भी कहा था कि अगर कोई मृत व्यक्ति को दफनाना चाहता है तो उसे बीएमसी क्षेत्र के बाहर जाना होगा। हालांकि, एक घंटे बाद अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक ने ट्वीट कर बताया कि इस आदेश को वापस ले लिया गया है।

महाराष्ट्र के नांदेड में पुलिसवालों ने बेघरों को खाना खिलाया।

जिस एरिया में मिले कोरोना पॉजिटिव वहां की होगी जीआईएस मैपिंग: बीएमसी
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुंबई में बीएमसी ने निर्णय लिया है कि उस इलाके की जीआईएस मैपिंग कराई जाएगी, जिसमें कोरोना के पॉजिटिव मरीज मिले हैं। यह सबकुछ करने के बाद उस एरिया का मैप और वहां पर कोरोना संक्रमित का आंकड़ा बीएमसी की वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगी। इससे उस एरिया में रहने वाले लोग ज्यादा सचेत रह सकेंगे। कमिश्नर परदेशी ने कहा कि जिस एरिया में कोरोना के ज्यादा मरीज हैं, वहां की ज्यादा निगरानी करने की जरूरत है। साथ ही लोग जानकारी मिलने से खुद भी एलर्ट रहेंगे।

परभणी में मंगलवार कोमंडी में भारी भीड़ नजर आई। यहां सोशल डिस्टेंसिंग भी नहीं दिखी।



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चार कोरोना संक्रमित मिलने के बाद मुंबई में वर्ली के कोलीवाडा इलाके को सील कर दिया गया है।


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70 हजार मजदूरों को शेल्टर होम में ठहराया गया, पुणे में ड्रोन से हो निगरानी रही 70 हजार मजदूरों को शेल्टर होम में ठहराया गया, पुणे में ड्रोन से हो निगरानी रही Reviewed by Punjab Recruitment Portal on 12:46 Rating: 5

जॉनसन एंड जॉनसन अगले साल तक टीका बना सकती है, 7.5 हजार करोड़ रु. का निवेश करेगी; सार्स वैक्सीन तैयार करने वाली टीम ही इसमें जुटी

वॉशिंगटन. अमेरिकी फार्मा कंपनीजॉनसन एंड जॉनसन (जे एंड जे) अगले साल तक कोरोना का टीका तैयार कर सकतीहै। 2021 की शुरुआत में इसका इमरजेंसी इस्तेमाल हो सकेगा।कंपनी ने सोमवार को बताया कि इसके लिए एककैंडिडेट वैक्सीन वायरस चुन लिया गया है। ऐसे में इंसानों पर इसके ट्रायल की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए 1 बिलियन डॉलर (करीब 7.5 हजार करोड़ रुपए)का निवेश किया जाएगा। जे एंड जे ने इसके लिए अमेरिकी सरकार के बायोमेडिकल रिसर्च डेवलपमेंट अथॉरिटी के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

कैंडिडेट वैक्सीन (सीवी) एक तरह का इंफ्लूएंजा वायरस होता है। इसे लैब में तैयार किया जाता है। इसका कई चरणों में ट्रायल किया जाता है। सितंबर में इंसानों पर ट्रायल लिया जाएगा।

जनवरी में ही टीका तैयार करने का काम शुरू हो गया था

कंपनी के चीफ साइंटिफिक ऑफिसर पॉल स्टोफेल्स बताया कि जनवरी में ही इस पर काम शुरू कर दिया गया था। कोरोना का वैक्सीन तैयार करने के लिए इबोला वायरस टीका बनाने के लिए अपनाई गई तकनीक इस्तेमाल की जाएगी। स्टोफेल्स ने बताया कि उनकी टीम ने कुछ ठंडे वायरस को मिलाकर कैंडिडेट वैक्सीन बनाया है। यह कुछ हद तक कोरोनावायरस की तरह है। उम्मीद है कि यह इंसानों में कोरोना के लिए प्रतिरोधी क्षमता पैदा कर सकेगा। इससे पहले कई कैंडिडेट वैक्सीन तैयार किए गए थे। 12 हफ्ते तक जानवरों परइसका ट्रायल किया गया।इसके बाद इनमें से सबसे उपयुक्त सीवी चुना गया।

कोरोनावायरस फैमिली के लिए अभी तक नहीं तैयार है टीका

स्टोफेल्स के मुताबिक, हमने इसका आकलन किया कि किस कैंडिडेट वायरस को अपस्केल किया जा सकता है। यह सुनिश्चित किया गया किटीका काम भी करे और इसे ज्यादा तादाद में तैयार भी किया जा सके। कोरोनावायरस फैमिली के किसी भी वायरस के लिए अभी तक सफलतापूर्वक टीका तैयार नहीं किया जा सका है। हालांकि, हमें इसे तैयार करने का विश्वास है,क्योंकिहम एक ऐसी टीम के साथ काम कर रहे हैं जिसने 2002-03 के बीच 800 लोगों की जान लेने वाले सार्स वायरस के लिए टीका तैयार किया था।

मॉडर्ना कंपनी ने टीके का फेज-1 क्लीनिकल ट्रायल पूरा किया

अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना दुनिया की पहली कंपनी थी, जिसने बीते 16 मार्च को टीके का फेज-1 क्लीनिकल ट्रायल कर लिया। कंपनी के अमेरिका के नॉरवुड स्थित मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट में वैज्ञानिक दिन-रात काम कर रहे हैं। हालांकि,अध्यक्ष स्टीफन होज सहित दूसरे नॉन-एसेंशियल स्टाफ घर से काम कर रहे हैं। स्टीफन के मुताबिक, टेस्टिंग का पहला चरण सफल रहता है तो कंपनी बड़े स्तर पर इसे बनाने में सक्षम है। कंपनी 45 लोगों पर टीके का अध्ययन कर रही है। इनके इम्यून सिस्टम नेअच्छा रिस्पॉन्स किया।



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प्रतीकात्मक फोटो।


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जॉनसन एंड जॉनसन अगले साल तक टीका बना सकती है, 7.5 हजार करोड़ रु. का निवेश करेगी; सार्स वैक्सीन तैयार करने वाली टीम ही इसमें जुटी जॉनसन एंड जॉनसन अगले साल तक टीका बना सकती है, 7.5 हजार करोड़ रु. का निवेश करेगी; सार्स वैक्सीन तैयार करने वाली टीम ही इसमें जुटी Reviewed by Punjab Recruitment Portal on 11:46 Rating: 5

वैज्ञानिकों ने कहा- समाज से हाथ मिलाना और गले मिलना खत्म हो जाएगा, इससे भावनाओं को ज्यादा खतरा

लंदन. कोरोनावायरस महामारी की असर सिर्फ दुनिया की अर्थव्यवस्था पर ही नहीं पड़ेगा, बल्कि यह इंसान के व्यवहार को भी प्रभावित कर सकता है। वैज्ञानिकों ने अपने शोध में इस तरह के संकेत दिए हैं। महामारी की वजह से सामाजिक दूरी बढ़ रही है। लोग एक दूसरे के पास जाने के बच रहे हैं। हाथ मिलाना और गले मिलना अभी करीब-करीब बंद हो चुका है। लोगों के इस बदलते व्यवहार को लेकर वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि आने वाले कुछ सालों के बाद समाज से हाथ मिलाना और गले मिलने जैसी सामाजिक परंपराएं खत्म हो सकती हैं।

वैज्ञानिकों के मुताबिक, डेलिगेशन, बिजनेस मीटिंग और कॉन्फ्रेंस में लंबे समय तक हाथ मिलाते रहने वाले राजनीतिज्ञ और कारोबारी इसकी जगह दूसरे विकल्प तलाशेंगे। शरीर पर मौजूद वायरस को मारने और कपड़ों के साथ-साथ आसपास की चीजों की सतहों को साफ करने पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। मांग बढ़ने से सैनिटाइजर जैसे पदार्थों की बिक्री बढ़ेगी और वे महंगे भी होंगे।

6 महीने बाद ही हम इसे आदत बना लेंगे

  • नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी में सामाजिक विज्ञान के प्रोफेसर रॉबर्ट डिंगवाल के मुताबिक, 'यूके में 6 महीने या उससे ज्यादा समय के लिए सोशल डिस्टेंस को बनाए रखा जा सकता है। इसके बाद ये आदतें हमारी दिनचर्या में शामिल हो जाएंगी। फिर हमारा ध्यान लंबे समय तक हाथ मिलाने से ज्यादा देर तक हाथ धोने में रहेगा। यह हमारी आदत बन जाएगी। हमारी सोच बदलेगी। किसी बीमारी की आशंका को देखते हुए हम हाथ मिलाने और गले लगने से बचेंगे।
  • पूर्व अमेरिकन सोशलॉजिकल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट जो फ्येगिन ने बताया, 'मुझे नहीं लगता कि सोशल डिस्टेंसिंग लंबे समय तक बनी रहेगी, हालांकि यह #मी टू जैसे अभियान के कारण पहले ही बढ़ गई थी। हम अपने परिचितों से शायद ही 6 फीट की दूरी पर हमेशा रह पाएं, लेकिन हम उनसे उतनी बार गले नहीं मिल पाएंगे जितना 5 महीने पहले मिलते थे। यदि लॉकडाउन 6 महीने से कम समय के लिए रहता है तो हम स्वच्छता पर ज्यादा ध्यान दे सकेंगे। यह किसी तरह बुरा नहीं होगा, लेकिन यदि यह डेढ़ साल के आसपास रहा, तो हमारे व्यवहार में बदलाव आने की संभावना ज्यादा है।'
कोरोना की वजह से लोग सामाजिक दूरी बना रहे हैं। इसमें अब लोगों को कोई दिक्कत भी नहीं हो रही।


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डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन और बर्नी सैंडर्स ने कोहनी मिलाईं।


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वैज्ञानिकों ने कहा- समाज से हाथ मिलाना और गले मिलना खत्म हो जाएगा, इससे भावनाओं को ज्यादा खतरा वैज्ञानिकों ने कहा- समाज से हाथ मिलाना और गले मिलना खत्म हो जाएगा, इससे भावनाओं को ज्यादा खतरा Reviewed by Punjab Recruitment Portal on 10:46 Rating: 5

विजय माल्या ने लॉकडाउन के बहाने सरकार से मदद मांगी, एक बार फिर कर्ज चुकाने का ऑफर दिया

लंदन. भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या (63) ने लॉकडाउन के बहाने सरकार से मदद मांगी है। माल्या ने एक बार फिर किंगफिशर एयरलाइंस का पूरा कर्ज चुकाने का ऑफर दिया है। उसने उम्मीद जताई है कि संकट की इस घड़ी में वित्त मंत्री उसकी बात सुनेंगी। माल्या ने मंगलवार सुबह ट्वीट कर कहा कि भारत सरकार ने लॉकडाउन कर बहुत अच्छा फैसला लिया है। मेरी सभी कंपनियों में काम बंद है। लेकिन, हम कर्मचारियों को घर नहीं भेज रहे और उनका खर्च उठा रहे हैं। ऐसे में सरकार को मदद करनी चाहिए।

माल्या ने कहा- बैंक पैसे लेने को तैयार नहीं
माल्या मार्च 2016 में लंदन भाग गया था। उसकी बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस पर भारतीय बैंकों के 9,000 करोड़ रुपए बकाया हैं। माल्या के प्रत्यर्पण का केस चल रहा है। वह पहले भी कई बार कर्ज चुकाने का ऑफर दे चुका है। इस बार भी कहा है कि ना तो बैंक पैसे लेने को तैयार हैं, ना ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अटैच प्रॉपर्टी रिलीज करना चाहता है।

कोरोना से बचने के लिए घर में रहें
माल्या ने लॉकडाउन को गंभीरता से लेने का मैसेज भी दिया है। उसने कहा है कि सुरक्षित रहना और सोशल डिस्टेन्सिंग अहम है। घर में रहकर यह संभव है। अपने परिवार और पेट्स के साथ वक्त गुजारिए। मैं भी यही कर रहा हूं। हम सभी को अपनी बहादुरी का अहसास है लेकिन, यह एक अनजान दुश्मन को चुनौती देने लायक नहीं, क्योंकि यह दुश्मन पुलवामा या कारगिल जैसा नहीं है।



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लंदन में रह रहे माल्या के भारत प्रत्यर्पण का केस चल रहा है।


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विजय माल्या ने लॉकडाउन के बहाने सरकार से मदद मांगी, एक बार फिर कर्ज चुकाने का ऑफर दिया विजय माल्या ने लॉकडाउन के बहाने सरकार से मदद मांगी, एक बार फिर कर्ज चुकाने का ऑफर दिया Reviewed by Punjab Recruitment Portal on 10:46 Rating: 5

ब्रिटेन में लॉकडाउन के बावजूद नीली झील देखने पहुंच रहे थे लोग, पुलिस ने काली डाई घोल दी

लंदन. दुनियाभर में कोरोनावायरस के संक्रमण की रफ्तार थामने के लिए लॉकडाउन घोषित किया गया है। कोशिश की जा रही है कि लोग कम से कम घरों से निकलें,जिससे संक्रमण को रोका जा सके। ब्रिटेन में भी लॉकडाउन घोषित किया गया है, लेकिन यहां भी लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे। लंदन से 170 किलोमीटर दूसर बक्सटन की हर्पर हिल में नीली झील को देखने के लिए लोग लगातार पहुंच रहे थे। अब यहां की पुलिस ने भीड़ को कम करने के लिए झील में काली डाई घोल दी है। इस झील का नाम ब्लू लैगून है।


बक्सटन पुलिस ने 25 मार्च को एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘‘हमें पता चला था कि लोग ब्लू लैगून झील में इकट्‌ठा हो रहे हैं। इस पर हम वहां पहुंचे और झील में काले रंग की डाई दाल दी, ताकि यह लोगों को कम सुंदर लगे।’’ बिट्रेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने पिछले सोमवार को देश में लॉकडाउन घोषित किया था। लोगों से घरों में रहने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि अगर आप नियम नहीं मानेंगे तो पुलिस कड़े कदम भी उठा सकती है।

ब्लू लैगून का नीला पानी इसकी खासियत है। इसी वजह से यहां इंस्टाग्रामर्स सेल्फी लेने के लिए जुटते हैं।

झील के पानी में जहरीले केमिकल
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्लू लैगून में पानी में जहरीले रसायन है। यहां का पीएच लेवल 11.3 है। पीएच लेवल पानी के अम्लीय और क्षारीय होने के बारे में बताता है। पीएच का मतलब पोटेंशियल ऑफहाइड्रोजन होता हैयानीकी पानी में हाईड्रोजन कितना मौजूद है। पानी में जितनीकम हाइड्रोजन होगी, पीएच लेवल उतना ही ज्यादा होगा और पानी उतना ही झारीय होगा। अगर हाइड्रोजन कम है तो पीएच लेवल कम होगा और पानी अम्लीय होगा। उदाहरण के तौर पर कपड़े धोने के ब्लीच का पीएच लेवल 12 होता है। इसी वजह से पुलिस ब्लू लैगून में लोगों को तैरने से रोकने के लिए तैनात रहती है।

यह झील बहुत अधिक क्षारीय है। यहां का पीएच लेवल 11.3 है, जबकि कपड़े धोने के ब्लीज का पीएच लेवल 12 होता है।

पीएम जॉनसन और प्रिंस चार्ल्स हो चुके हैं संक्रमित
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनस और प्रिंस चार्ल्स भी कोरोनावायरस के संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इसके साथ ही यहां के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक और स्वास्थ्य सचिव नडाइन डोरिस भी कोरोना से संक्रमित हो चुकी हैं। सोमवार तक यहां संक्रमण के 22 हजार141 मामले सामने आ चुके हैं और 1408 लोगों की मौत हो चुकी है।



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बक्सटन की हर्पर हिल में नीली झील में पुलिस ने काली स्याही घोल दी। इसके बाद यहां लोग जुटना कम हो गए हैं।


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ब्रिटेन में लॉकडाउन के बावजूद नीली झील देखने पहुंच रहे थे लोग, पुलिस ने काली डाई घोल दी ब्रिटेन में लॉकडाउन के बावजूद नीली झील देखने पहुंच रहे थे लोग, पुलिस ने काली डाई घोल दी Reviewed by Punjab Recruitment Portal on 10:16 Rating: 5

सेंसेक्स 854 और निफ्टी 248 अंक ऊपर खुले; सोमवार को डाउ जोंस 3.19% और एसएंडपी 3.35 ऊपर रहे थे

मुंबई. मंगलवार को भारतीय बाजार बढ़त के साथ खुलने में कामयाब रहे।सेंसेक्स 854.62 अंक ऊपर और निफ्टी 248.25 पॉइंट ऊपर खुले। अभीसेंसेक्स 361.16 अंक ऊपर 28,801.48 पर और निफ्टी 106.70 पॉइंट ऊपर 8,387.80 पर कारोबार कर रहे हैं।इससे पहले सोमवार को बाजारों में भारी बढ़त देखने को मिली थी। सेंसेक्स ने 1375.27 अंक या 4.61% नीचे 28,440.32 पर और निफ्टी ने 379.15 अंक या 4.38% नीचे 8,281.10 पर कारोबार खत्म किया था। गिरते बाजार का असर सबसे ज्यादा बैंक और टेलीकॉम सेक्टर पर हुआ। सरकारा द्वारा कोरोनावायरस से निपटने के लिए दिया गया 1.70 लाख करोड़ का पैकेज और रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में कटौती भी सोमवार को बाजार ऊपर लाने में नाकाम रहे।

डाउ जोंस, नैस्डैक और एसएंडपी लगभग सभी बाजार में तेजी
सोमवार को अमेरिकी बाजार के साथ दुनियाभर के बाजारों में तेजी देखने को मिली। डाउ जोंस 3.19 फीसदी की बढ़त के साथ 690.70 अंक ऊपर 22,327.50 पर बंद हुआ। वहीं, अमेरिका के दूसरे बाजार नैस्डैक 3.62 फीसदी बढ़त के साथ 271.77 अंक ऊपर 7,774.15 पर बंद हुआ। दूसरी तरफ, एसएंडपी 3.35 फीसदी बढ़त के साथ 85.18 पॉइंट ऊपर चढ़कर 2,626.65 पर बंद हुए। फ्रांस के CAC 40 0.62 फीसदी बढ़त के साथ 4,378.51 अंको पर बंद हुआ।

रिलायंस ने पीएम केयर फंड में 500 करोड़ दिए
कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पीएम केयर फंड में 500 करोड़ देने का ऐलान किया है। साथ ही रिलायंस 5-5 करोड़ रुपए रिलायंस महाराष्ट्र और गुजरात मुख्यमंत्री राहत कोष में भी देगी। इसके अलावा 5 लाख लोगों को अगले 10 दिनों तक खाना भी मुहैया कराया जाएगा। यानी 50 लाख के करीब लोगों के लिए खान का इंतजाम किया जा रहा है। इससे पहले रिलायंस फाउंडेशन ने 100 बिस्तरों का पहला कोवड-19 अस्पताल मात्र 2 हफ्तों में तैयार किया था।

09:33 AMसोमवार की तुलना में निफ्टी 248.25 पॉइंट ऊपर खुला। अभी ये 92.95 पॉइंट ऊपर 8,374.05 पर कारोबार कर रहा है। इसमें 1.12% की बढ़त है।

09:31 AMसेंसेक्स 361.16 अंक ऊपर 28,801.48 पर और निफ्टी 106.70 पॉइंट ऊपर 8,387.80 पर कारोबार कर रहे हैं।

09:22 AMबीएसई सेंसेक्स 30 में शामिल लगभग सभी कंपनियों के शेयरों में बढ़त दिख रही है; टाटा स्टील में सबसे ज्यादा 3.56% की बढ़त

09:15 AMसेंसेक्स 544.91 अंक ऊपर 28,985.23 पर और निफ्टी 199.85 पॉइंट ऊपर 8,480.95 पर कारोबार कर रहेहैं।

सोमवार को दुनियाभर के बाजारों में तेजी देखने को मिली


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BSE NSE Sensex Today | Stock Market Latest Update: March 31, Share Market, Trade BSE, Nifty, Sensex Live News Updates


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सेंसेक्स 854 और निफ्टी 248 अंक ऊपर खुले; सोमवार को डाउ जोंस 3.19% और एसएंडपी 3.35 ऊपर रहे थे सेंसेक्स 854 और निफ्टी 248 अंक ऊपर खुले; सोमवार को डाउ जोंस 3.19% और एसएंडपी 3.35 ऊपर रहे थे Reviewed by Punjab Recruitment Portal on 09:46 Rating: 5

राष्ट्रपति लुकाशेंको की अजीबोगरीब सलाह- हमें वायरस से कोई खतरा नहीं, देश के लोग वोदका पिएं और सॉना बाथ लें

मिंस्क. कोरोनावायरस दुनिया में अब तक 35 हजार से ज्यादा लोगों को मौत की नींद सुला चुका है। हर मुल्क इससे खौफजदा है। बचने के कड़े उपाय कर रहे हैं। लेकिन, बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको बेफिक्र हैं। उनके देश में संक्रमण से बचने के कोई उपाय नहीं किए गए हैं। खचाखच भरे स्टेडियम में फुटबॉल और आइस हॉकी खेली जा रही है। लुकाशेंको के मुताबिक- बेलारूस में कोरोना का कोई खतरा नहीं है। लोगों को वोदका पीना चाहिए और सॉना बाथ लेना चाहिए।

खड़े होकर जान जाए तो बेहतर
1990 में सोवियत संघ के विघटन के बाद बेलारूस नया देश था। यहां की आबादी करीब 90 लाख है। लुकाशेंको 1994 से सत्ता में हैं। यहां 92 लोग संक्रमित भी पाए जा चुके हैं,लेकिनराष्ट्रपति बेफिक्र नजर आते हैं। पिछले दिनों उन्होंने खुद एक आइस हॉकी मैच में हिस्सा लिया। इसके बाद मीडिया से बातचीत में कहा, “घुटनों के बल चलकर जिंदगी गुजारने से बेहतर है, पैरों पर खड़े होकर मर जाना। आपको यहां कोई वायरस उड़ता नजर आ रहा है? मुझे तो नहीं दिखता।”

मिंस्क में पिछले दिनों एक फुटबॉल मैच के दौरान मौजूद दर्शक।

और सुझाव भी...

लुकाशेंको ने आगे कहा, “खेल वायरस से निजात पाने का सबसे अच्छा तरीका है। लोगों को रोज 50 मिलीवोदका पीना चाहिए। सॉनाबाथ लेना चाहिए, ताकि गर्म रह सकें। खेतों में काम करना चाहिए। नाश्ता वक्त पर करना बेहद जरूरी है। इस देश में लॉकडाउन, बॉर्डर सील या सोशल डिस्टेंसिंग की फिलहाल कोई जरूरत नहीं है।” रूस ने नागरिकों पर कई प्रतिबंध लगाए हैं। बेलारूस के राष्ट्रप्रमुख ने इनका मजाक उड़ाया।

सरकारी आयोजन रद्द नहीं होंगे
बेलारूस 9 मई को विजय दिवस मनाता है। इस दिन लाखों लोग सड़कों पर नजर आते हैं। लुकाशेंको के मुताबिक, “विक्ट्री डे प्रोग्राम रद्द नहीं होगा। सरकारी कार्यक्रम तय वक्त पर ही होंगे। हमारी रक्षा भगवान करेगा। कई लोग कह रहे है कि बॉर्डर सील कर दीजिए। मैं ऐसा बिल्कुल नहीं करूंगा। किसी नागरिक को क्वारैंटाइन भी तभी किया जाएगा, जब ये बेहद जरूरी होगा।”



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शनिवार को आइस हॉकी मैच के बाद इंटरव्यू देते बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको।


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राष्ट्रपति लुकाशेंको की अजीबोगरीब सलाह- हमें वायरस से कोई खतरा नहीं, देश के लोग वोदका पिएं और सॉना बाथ लें राष्ट्रपति लुकाशेंको की अजीबोगरीब सलाह- हमें वायरस से कोई खतरा नहीं, देश के लोग वोदका पिएं और सॉना बाथ लें Reviewed by Punjab Recruitment Portal on 09:46 Rating: 5

डिज्नी को नुकसान से उबारने के लिए चेयरमैन सैलरी नहीं लेंगे, केवल पार्क बंद होने से हो सकता है 3700 करोड़ रु. का घाटा

हॉलीवुड डेस्क. कोरोनावायरस के कारण आर्थिक परेशानियों से जूझ रही एंटरटेनमेंट कंपनी डिज्नी ने उच्चाधिकारियोंकी सैलरी में कटौती करने का फैसला किया है। कंपनी ने पद के आधार पर अधिकारियों की सैलरी कम की हैं। कंपनी को संकट से उबारने के लिए एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बॉब आइगर वेतन नहीं लेंगे। सीईओ बॉब चैपक को केवल 50% तनख्वाह मिलेगी। कंपनी यह पैसा पार्क्स और रिजॉर्ट्स में काम करने वाले कर्मचारियों को देगी।

थीम पार्क्स, प्रोडक्शन और थियेटर्स बंद होने के चलते कंपनी को अरबों का नुकसान उठाना पड़ रहा है। ऐसे में डिज्नी ने शीर्ष अधिकारियों से कंपनी की आर्थिक मदद करने की अपील की है। न्यूयॉर्क टाइम्स के पत्रकार ब्रूक बार्न्स ने कंपनी के मेल का फोटो शेयर किया है।

सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले एग्जीक्यूटिव हैं आइगर
बॉब इस साल ही कंपनी के चेयरमैन बने हैं। कंपनी के सीईओ रहते हुए बॉब को बीते वित्त वर्ष में47.5 मिलियन डॉलर सैलरी मिली। सैलरी छोड़ने के साथ ही पूर्व सीईओ ने कोविड 19 से लड़ने के लिए लॉस एंजिल्सशहर को 5 लाख डॉलर दान किए हैं।

अनिश्चितकाल के लिएपार्क बंद
शुक्रवार को कंपनी ने डिज्नी वर्ल्ड और डिज्नीलैंड को सरकार के अगले आदेश तक बंद रखने का फैसला किया है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, डिज्नी को केवल मार्च तक थीम पार्क बंद कर देने के कारण 500 मिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है। इसके अलावा थियेटर्स बंद होने के कारण कंपनी की बड़ी फिल्म ‘मुलान’की रिलीज भी अटक गई है।



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एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बॉब आइगर


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इटली ने ढेरों गलतियां कीं, सबको लगता था कि उन्हें कुछ नहीं होगा, एक झटके में सब बर्बाद हो गया; भारतीय यह गलती न करें

इटली के रेड जोन कहे जाने वाले मिलान शहर से रिपोर्ट(मिलान लोम्बार्डी प्रांत की राजधानी है। इस प्रांत में 6 हजार से अधिक मौतें हो चुकी हैं).कोरोनावायरस की वजह से इटली बर्बादी के कगार पर मुंह बाए खड़ा है। एक झटके में पूरा देश वीरान हो गया। हंसते-खेलते 11 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। 90 हजार से ज्यादा लोग अब भी जिंदगी और मौत के बीच हांफती सांसों के साथ झूल रहे हैं। मिलान इटली के उस लोम्बार्डी राज्य की राजधानी है, जहां महज 37 दिनों में सबसे ज्यादा 6 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। उसी मिलान से भास्कर की ग्राउंड रिपोर्ट...

इटली में लॉकडाउन होते ही लोग ट्रेनों में भरकर दूसरी जगहों को भागे, पूरे देश में फैल गया संक्रमण
इटली में कोरोनावायरस काफी तेजी से फैला। अभी शनिवार को ही एक दिन में 969 लोगों की मौत हो गई। मुझे याद है, जब थोड़े बहुत केस सामने आए थे। खासतौर पर लोम्बार्डी और मिलान में। तब सरकार ने लोगों को घरों में रहने की सलाह दी थी। सभी को आइसोलेट होने के लिए कहा था। उस वक्त कोई ऑफिशियल लॉकडाउन नहीं हुआ था। पर लोगों ने इसे हल्के में ले लिया। जब इसकी वजह से मौतें होने लगीं तो सरकार ने लोम्बार्डी और मिलान को रेड जोन घोषित कर दिया। 8 मार्च को लोम्बार्डी प्रांत में पहली बार ऑफिशियली लॉकडाउन घोषित हुआ। तब भी लोग नहीं चेते। लॉकडाउन से बचने के लिए हजारों-हजार लोग ट्रेनों में भरकर साउथ इटली की तरफ भागने लगे।

यही यहां के लोगों की सबसे बड़ी गलती साबित हुई। इसकी वजह से कोरोना पूरे देश में फैल गया। मजबूरन सरकार को अगले ही दिन यानी 9 मार्च को पूरे देश को लॉकडाउन करना पड़ा। लोग फिर भी नहीं माने। गलतियों पर गलतियां करते गए। अब संभाले नहीं संभल रहा। इसके चलते इटली में इतनी मौतें हो गईं।

यह तस्वीर 8 मार्च की है जब मिलान और लोम्बार्डी में लॉकडाउन की घोषणा हुई थी। लोग इससे बचने के लिए साउथ इटली चले गए।

सोचिए, जब इटली का ये हाल है तो भारत का क्या हो सकता है
इटली विकसित देश है। इसका हेल्थ केयर सिस्टम भारत के मुकाबले बेहद अच्छा है। हेल्थ केयर के लिहाज से इटली दुनिया में दूसरे पायदान पर है और भारत 112वें पर। यहां भारत के मुकाबले आबादी काफी कम है। बड़े-बड़े हॉस्पिटल और रिसर्च सेंटर्स हैं। फिर भी वे इस संकट को नहीं काबू कर पाए। हॉस्पिटल कोलैप्स होते रहे। डॉक्टर्स, नर्स के वीडियो सामने आ रहे हैं। उनको मास्क, सैनिटाइजर की कमी पड़ गई। उनकी जानें भी जा रही हैं। संक्रमितों के इलाज के लिए अस्पतालों में बेड नहीं बचा। अब आप खुद समझ सकते हैं कि यहां इटली में हालत कितनी बुरी है और फिर अंदाजा लगाइए कि संक्रमण फैला तो भारत में क्या हो सकता है?

यह तस्वीर मिलान शहर के प्रमुख बाजार की है। यहां अब पुलिस तैनात है। बेवजह घूमने वालों पर 5 हजार यूरो जुर्माना लगता है।

घर से निकलने पर डॉक्यूमेंट भरना होता है, क्वारैंटाइन नियम तोड़ने पर 5 हजार यूरो का जुर्माना

लोगों ने लॉकडाउन नहीं माना तो सरकार ने नियमों को सख्त किया। पहले यहां क्वारैंटाइन नियमों को तोड़ने पर 350 यूरो का जुर्माना था, जिसे बढ़ाकर 5 हजार यूरो कर दिया गया है। लोगों को घर के बाहर बिल्कुल भी नहीं निकलना है। वही लोग निकल सकते हैं जो सुपर मार्केट, फार्मेसी या हॉस्पिटल में काम करते हैं। स्कूल, कॉलेज, ऑफिस सब बंद है। पार्क में रनिंग के लिए भी नहीं जा सकते हैं। घर का जरूरी सामान लाने के लिए परिवार के एक सदस्य को ही सुपरमार्केट जाने की अनुमति है। घर से निकलने पर सरकार की तरफ से दिया गया एक डॉक्यूमेंट भरना पड़ता है। वापस आने पर भी उसे भरकर पुलिस को देना होता है। हर वक्त पुलिस चेकिंग पर रहती है। बेवजह बाहर घूमने वालों को जुर्माना भरना पड़ता है।

मिलान के सुपर मार्केट में लोग खरीददारी करते समय सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रख रहे।

लोगों ने खराब होने वाले सामान भी घरों में जमा कर लिए
जब सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन किया तो बहुत सारे लोग परेशान हो गए। लोगों ने सुपरमार्केट से काफी चीजें घरों में स्टॉक कर लीं। सारे सुपरमार्केट खाली हो गए थे। लोगों ने सब्जी, मीट जैसी खराब होने वाली चीजों को भी स्टॉक कर लिया। इसके चलते बाद में मुसीबत और बढ़ गई।

इटली ने देरी की, भारत ने सही समय पर लॉकडाउन किया
इटली में लॉकडाउन नहीं होता तो हालात और भी बदतर होते। हम सोच भी नहीं सकते कि कितने लोग इसमें मर जाते। हां, मुझे यह जरूर लगता है कि सरकार को लॉकडाउन का फैसला पहले ले लेना चाहिए था। इसमें देरी हुई। अगर ये पहले हो जाता तो हालात इतने खराब नहीं होते। संक्रमण से बचने का इकलौता तरीका लॉकडाउन ही है। सोशल डिस्टेंसिंग से आप वायरस से बच सकते हैं। भारत ने लॉकडाउन का फैसला सही समय पर लिया गया है। सोशल डिस्टेंसिंग घर के अंदर भी रखना है। अगर आपके परिवार में किसी को भी कोराेना संक्रमण का हल्का सा भी लक्षण हो या उसकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री है तो आप खुद सचेत हो जाएं। उस शख्स को सबसे अलग रखें, ताकि वायरस पूरे घर में न फैले। डॉक्टर, फार्मेसी, सुपर मार्केट और ऐसे ही बाकी जगहों पर काम करते हैं वो रोज अपनी जान जोखिम में डालकर आपकी मदद कर रहे हैं। इसलिए आप आम आदमी की तरह घर पर तो रह ही सकते हैं।

बाजार में जरूरी सामान खरीदने के लिए लाइन में लगे लोग। यहां भी सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जा रहा है।

खुद पर गर्व है, क्योंकि मैंने दूसरों की जान जोखिम में नहीं डाली
इतनी बातें पढ़ने के बाद आप सोच रहे होंगे कि मैं भारत वापस क्यों नहीं आई? तो मैं बताना चाहती हूं कि यहां रहने वाले कई इंडियन स्टूडेंट्स ने वीडियो बनाकर सरकार से मदद मांगी थी। सरकार उन्हें यहां से लेकर भी गई, लेकिन मेरा मानना है कि ये वायरस हम जैसे लोग ही फैला रहे हैं, जो ट्रैवल करने में सक्षम हैं। मुझे लगता है कि हमें ऐसा नहीं करना चाहिए। हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम जहां भी हैं, वहीं रहें। सोशल डिस्टेंसिंग की प्रैक्टिस करें। मुझे खुद पर गर्व है कि मैंने दूसरों की तरह गलती नहीं की। मैंने उन तमाम लोगों की जान खतरे में नहीं डाली जो हो सकता था कि मेरे वजह से संक्रमित हो जाते। फिर वह एयरपोर्ट तक छोड़ने वाला कैब ड्राइवर हो, प्लेन में सफर करने वाले अन्य यात्री हों, दिल्ली एयरपोर्ट पर मौजूद लोग हों या दिल्ली से कानपुर तक मेरे साथ ट्रेन में सफर करने वाले लोग।

लोम्बार्डी में कोरोना से मरने वाले लोगों का हर रोज एकसाथ अंतिम संस्कार किया जाता है।

केवल परिवार के सदस्यों को मौजूद रहने की अनुमति होती है।

भारत में भी लोग वही गलतियां कर रहे हैं
भारत की आबादी देखकर कोई भी समझ सकता है कि यह वायरस कितनी तेजी से वहां फैल सकता है। वहां लोगों की हाईजीन कंडीशन भी ठीक नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने सही समय पर लॉकडाउन किया है, पर इसके नियम बेहद सख्त होने चाहिए। टीवी और वीडियो में हमने देखा है कि लोग कैसे सड़कों पर घूम रहे हैं। दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों से हजारों हजार लोग गांवों की तरफ निकल रहे हैं। यह वही गलती है,जो इटली के लोगों ने की। भारत की लड़ाई इसलिए भी दूसरों से अलग है क्योंकि हम विकासशील देश हैं। हमारे यहां इटली, चीन, अमेरिका जैसा अच्छा हेल्थ केयर सिस्टम नहीं है। लोगों को सोचना चाहिए कि अगर उनके चाहने वालों को कुछ हुआ तो उन्हें सही तरीके का अंतिम संस्कार भी नसीब नहीं होगा। मैं यहां इटली में इसे देख रही हूं। यह काफी दर्दनाक और तकलीफ देने वाला है। तो आखिर में सिर्फ एक बात- एक दूसरे से दूर रहकर साथ निभाइये।

(संजना उत्तर प्रदेश के कानपुर की रहने वाली हैं और इटली के मिलान में पीएचडी कर रही हैं)



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-तस्वीर इटली के मिलान स्थित बाजार की है। एक महीने पहले यहां लोगों की भारी भीड़ हुआ करती थी। अब सन्नाटा पसरा है।


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